झट से गोरा बनाए यह ट्रीटमेंट
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अगर आपने काजोल की फिल्म बाजीगर देखी हो, तो उसमें उनके डस्की कॉम्प्लेक्शन ने हर किसी को लुभाया। इसके बावजूद भी काजोल ने फेयरनैस ट्रीटमेंट कराया। अगर आप हाल ही में आई उनकी फिल्म दिलवाले देख लें, तो आपको यह अंतर पता चल जाएगा।

प्रिंयका चोपड़ा एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिन्होनें कई प्लास्टिक सर्जरी और वाइट स्किन ट्रीटमेंट कराया है। यह आप उनकी मिस वर्ल्ड की तस्वीर और अब की तस्वीरें देख कर पहचान सकते हैं।

दीपिका पादुकोण भी गोल्डन लुक्स पाने के लिए इस फेयरनेस ट्रीटमेंट से गुजरी हैं।

शिल्पा शेट्टी ने भी बेदाग और गोरा दिखने के लिए वाइट स्किन ट्रीटमेंट कराया है।

बिपाशा ने अपने चेहरे पर स्किन ब्लीचिंग कराई हैं, जिससे चेहरा हमेशा के लिए गोरा दिखता हैं।

रेखा और हेमामालिनी लंबे समय तक बॉलिवुड़ में अपने बोल्ड और डस्की लुक के लिए जानी जाती रही है लेकिन उसके बाद उनका फेस कलर बदलता चला गया।

वाइट स्किन ट्रीटमेंट के दौरान स्किन टोन को बेहतर किया जाता है और साथ ही स्किन की क्वॉलिटी में ओवरऑल सुधार लाया जाता है। बॉलिवुड की कई एक्ट्रेस भी इस ट्रीटमेंट की दीवानी हैं :

अगर आप स्किन को फेयर रखने के लिए अक्सर फेशियल, ब्लीचिंग और वैक्सिंग जैसे फेस ट्रीटमेंट करवाती रहती हैं, तो अब आपको इसकी जरूरत नहीं है। क्योंकि हम आपके लिए लाए हैं वाइट स्किन ट्रीटमेंट, जो आपको कुछ ही दिनों में गोरा बना देगा। क्या है वाइट स्किन ट्रीटमेंट/

वाइट स्किन ट्रीटमेंट

वाइट स्किन ट्रीटमेंट में स्किन टोन को बेहतर कर उसकी क्वॉलिटी में सुधार लाया जाता है। ब्यूटीशियन सरिता बजाज कहती हैं कि इस ट्रीटमेंट के दौरान स्किन को ओवरऑल इम्प्रूव किया जाता है, जिसमें फेयरनैस, ग्लो, वाइटनिंग और नेचरल ब्लश पर ध्यान दिया जाता है। फर्स्ट प्रोसेस में स्किन को सबसे पहले हाइड्रेट किया जाता है और उसके बाद स्किन के दाग धब्बे और एक्ने को क्लीन किया जाता है। दरअसल, तीन से चार सीटिंग में यह ट्रीटमेंट आपको दिया जाता है।

स्किन टोन

इस ट्रीटमेंट में सबसे पहले आपकी स्किन कैसी है, उसका टोन और टेक्सचर क्या है और ट्रीटमेंट की कौन सी प्रोसेस उसके लिए परफेक्ट रहेगी, इस पर ध्यान दिया जाता है।

स्किन पिगमेंट

स्किन स्पेशलिस्ट प्रियंका कहती हैं, स्किन का डार्क या फेयर होना स्किन पिगमेंट मेलानिन पर निर्भर करता है। मेलानिन ही स्किन के टोन और रंग को तय करता है। जिस स्किन में ज्यादा मात्रा में मेलानिन निकलता है, वह ज्यादा शाइनिंग करती है और जिसमें कम मेलानिन निकलता है वह त्वचा ज्यादा सांवली दिखती है। जिस स्किन में कम मात्रा में मेलानिन निकलता है, उसे हाइपोपिगमेंटेड स्किन कहते हैं।

डार्क स्किन हाइपोपिगमेंटेड स्किन है, क्योंकि इसमें मेलानिन पिगमेंट की मात्रा कम होती है और जिसके कारण त्वचा का रंग सांवला या काला हो जाता है और कोई ग्लो नहीं रहता है। वाइट स्किन ट्रीटमेंट में स्किन की इस कमी को इम्प्रूव किया जाता है। इसमें मेलानिन की क्वांटिटी को ट्रीटमेंट के जरिए बढ़ाया जाता है।

स्किन ब्लीचिंग

स्किन ब्लीचिंग स्किन को फेयर करने की एक प्रोसेस है। इसके अलावा, मास्क, जेल, फेशियल जैसी चीजों का भी इस प्राेसेस में यूज किया जाता है। ब्यूटीशियन सरिता कहती हैं, हर स्किन के लिए ट्रीटमेंट अलग होता है और यह तय किया जाता है।

बरतें सावधानियां

ट्रीटमेंट के दौरान आप अपने से कोई भी क्रीम या मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल न करें, क्योंकि उस दौरान कॉस्मेटिक का इस्तेमाल करने से एलर्जी या इन्फेक्शन हो सकता है।

जितना हो सके घर में रहें और धूप के संपर्क में ना आएं क्योंकि यूवी किरणें सर्जरी के बाद आप की स्किन के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकती हैं।